अयोध्या: अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि परिसर में बन रहे भव्य राम मंदिर की सुरक्षा को लेकर अब तैयारियों को पुख्ता किया जा रहा है। राम जन्मभूमि की सुरक्षा में एक बड़ा बदलाव हाल के समय में देखने को मिल सकता है। रामलला के अस्थायी मंदिर की सुरक्षा में इस समय त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा है। इसमें यूपी पुलिस, पीएसी और सीआरपीएफ का सुरक्षा घेरा शामिल है। राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के बाद यहां की सुरक्षा का अभेद्य बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन की तारीख तय की गई है। पीएम नरेंद्र मोदी भी राम मंदिर के उद्घाटन और राम लला के अपने गर्भगृह में विराजमान किए जाने के कार्यक्रम में शामिल होंगे। इससे पहले राम मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव किया जा सकता है।सीआईएसएफ की चर्चा क्यों?
सीआईएसएफ ऐतिहासिक भवनों से लेकर हवाई अड्डों, मेट्रो रेल और अन्य बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में विशेषज्ञता रखता है। इस फोर्स की तकनीक को काफी आधुनिक माना जाता है। राम मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था में बड़े पैमाने पर परिवर्तन के लिए पिछले साल सीआईएसएफ से सिक्योरिटी ऑडिट कराई गई थी। इसके बाद मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था में बडे़ स्तर पर परिवर्तन की योजना बनाई गई। सिक्योरिटी ऑडिट के बाद से यह संभावना जताई जा रही थी कि मंदिर की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ को मिल सकता है।
अधिकारियों ने लिया परिसर का जायजा
सीआईएसएफ के डीजी शीलवर्द्धन सिंह और डीआईजी सुमंत सिंह बुधवार को अयोध्या पहुंचे। उन्होंने राम जन्मभूमि परिसर का निरीक्षण किया। सीआईएसएफ के सीनियर अधिकारियों की सक्रियता से मामला साफ हो रहा है। सीआईएसएफ के अधिकारियों के साथ एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया, आइजी रेंज प्रवीण कुमार और एसएसपी राजकरन नैय्यर भी निरीक्षण के दौरान साथ रहे। अधिकारियों ने तीन घंटे तक परिसर का जायजा लिया। सिक्योरिटी आडिट के अनुरूप होने वाली व्यवस्था की समीक्षा की।
तमाम व्यवस्था का हुआ निरीक्षण
सीआईएसएफ के अधिकारियों ने वर्तमान समय में रामलला मंदिर के त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। श्रद्धालुओं के आवागमन मार्ग का निरीक्षण किया गया। इसके बाद बैग स्कैनर लगाए जाने की व्यवस्था का भी निरीक्षण किया गया। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी भी इस मौके पर मौजूद रहे। अधिकारियों ने उनके साथ आवश्यकता और उनकी अपेक्षाओं पर भी बातचीत की। सीआईएसएफ की ओर से राम जन्मभूमि परिसर को अधिक से अधिक तकनीकी सुरक्षा कवच प्रदान करने की योजना है।
एंटी ड्रोन तकनीक का भी लगेगी
सीआईएसएफ की ओर से राम जन्मभूमि परिसर की संवेदनशीलता को देखते हुए सुरक्षा प्रबंधों का पुख्ता करने पर जोर दिया गया है। यहां पर एंटी ड्रोन तकनीक लगाए जाने की भी चर्चा की गई। रेड जोन में सुरक्षा घेरे को कड़ा करने के साथ-साथ परिसर से सटे येलो जोन में भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चर्चा हुई। येलो जोन के बाहरी क्षेत्र के लिए भी सिक्यूरिटी ऑडिट में प्लान तैयार किया गया है। अभी रामलला के गर्भगृह की सुरक्षा सीआरपीएफ के जिम्मे है। बाहरी क्षेत्र में यूपी पुलिस और पीएसी तैनात हैं।एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया ने कहा कि सीआइएसएफ के अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने आए थे। देश के हवाई अड्डों, ताजमहल, मेट्रो सहित अन्य कई ऐतिहासिक भवनों एवं महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा का अच्छा अनुभव सीआइएसएफ के पास है। इसीलिए, राम मंदिर की सुरक्षा के लिए भी इनके अनुभव का उपयोग किया जा रहा है।
अयोध्या में 10 दिनों का भव्य कार्यक्रम
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के उद्घाटन का शुभ मुहूर्त तय हो चुका है। 22 जनवरी 2024 की तारीख होगी, जिस दिन भगवान राम लला अपने नवनिर्मित मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होंगे। इसी दिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। इसको लेकर राम मंदिर निर्माण समिति की ओर से प्रथम चरण के निर्माण की योजना को जल्द पूरा कराने की तैयारी की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि दिसंबर तक पहले चरण का काम पूरा हो जाएगा।
राम मंदिर के उद्घाटन समारोह को देश-विदेश में मनाए जाने की तैयारी है। वहीं, अयोध्या में भी इस दौरान करीब 5 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। राम मंदिर के उद्घाटन समारोह की शुरुआत मकर संक्रांति के साथ ही 15 जनवरी 2024 से शुरू होने की उम्मीद है। यह कार्यक्रम 10 दिनों तक चलेगा। इसके बाद रामलला अपने नए मंदिर के गर्भगृह से भक्तों को दर्शन देंगे।