नई दिल्ली: ग्लोबल इकॉनमी में सुस्ती गहराने की खबरों के बीच भारत ने एक्सपोर्ट के साथ निवेश बढ़ाने पर नए सिरे से काम करना शुरू कर दिया है। कॉमर्स मिनिस्ट्री ने इस बारे में एक विस्तृत योजना तैयार की है। इसके तहत एक्सपोर्ट और निवेश बढ़ाने के लिए अमेरिका और ब्रिटेन सहित 12 देशों की पहचान की गई है। अब इन 12 देशों के मार्केट की नए सिरे से स्टडी की जाएगी। यह देखा जाएगा कि किन-किन वस्तुओं का कारोबार इन देशों के साथ बढ़ाया जा सकता है। यह भी देखा जाएगा किन वस्तुओं को भारत आसानी से इन देशों को एक्सोर्ट कर सकता है। इसके एवज में इन देशों को भारत में निवेश करना आसान बनाया जाएगा। इनको निवेश करने पर विशेष राहत भी दी जाएगी। केंद्र का कहना है कि अगर एक्सपोर्ट और निवेश में तेजी रही तो इकॉनमी मजबूत होगी, नौकरियां भी मार्केट में ज्यादा आएंगी।
सूत्रों के अनुसार इस रणनीति के पीछे एक ही लक्ष्य है कि ग्लोबल स्लोडाउन का असर भारत की इकॉनमी, निर्यात और निवेश पर, जितना हो सके, कम किया जा सके। एक सीनियर अधिकारी के अनुसार योजना की लिस्ट में 12 प्राथमिकता वाले देशों - अमेरिका, ब्राजील, कनाडा, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, ब्रिटेन, जर्मनी, स्वीडन, जापान, ताइवान, दक्षिण कोरिया और रूस का नाम है। योजना के हिस्से के रूप में, मंत्रालय विभिन्न देशों में रोड शो आयोजित करेगा, जिसमें निवेश और व्यापार बढ़ाने के कार्यक्रम शामिल होंगे। इंडस्ट्री और निर्यातकों को भारत में विश्व स्तरीय प्रदर्शनियां आयोजित करने और इन 12 देशों में आयोजित होने वाले मेलों में भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि यह एक्सरसाइज व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए दोनों विभागों के ठोस प्रयास का हिस्सा है। गौरतलब है कि पिछले कुछ महीने से एक्सपोर्ट में काफी उतार-चढ़ाव का रुख है। कभी एक्सपोर्ट घट जाता है तो कभी बढ़ जाता है। यही हाल विदेशी निवेश का है, जिसका असर सीधे तौर पर विदेशी करंसी पर देखा जा सकता है।