नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) साल 2024 का अंतरिम बजट आने वाले कुछ हफ्तों में पेश करने वाली हैं। इस अंतरिम बजट से इलेक्ट्रिक वाहन इंडस्ट्री को भी काफी उम्मीदे हैं। काइनेटिक ग्रीन की फाउंडर और सीईओ सुलज्जा फिरोदिया मोटवानी (Sulajja Firodia Motwani) का कहना है कि ग्रीन मोबिलिटी एजेंडे को आगे बढ़ाने वाली पहलों की वह प्रतीक्षा कर रही हैं।
सरकार से हैं ये उम्मीदें
सुलज्जा फिरोदिया मोटवानी ने बताया कि वह आशावादी हैं कि सरकार ईवी की मांग को बढ़ावा देने के लिए फेम III योजना की घोषणा करेगी। इसी के साथ सरकार ईवी को लगातार समर्थन का ऐलान करेगी। भारत सरकार की फेम योजना ईवी और आईसीई वाहनों के बीच मूल्य अंतर को कम करने और इस तरह से ईवी के लिए ग्राहकों की मांग को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है। यह योजना सबसे सफल रही है। इसकी सफलता को देश भर के कस्टमर्स के बढ़ते इंट्रस्ट और इलेक्ट्रिक 2W और इलेक्ट्रिक 3W को अपनाने में देखा जा सकता है। फेम II की मदद से हमारे शहरों में बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक बसों का ऑर्डर दिया गया और उन्हें तैनात किया गया, जिससे प्रदूषण का स्तर कम हुआ है।
ईवी की बढ़ी बिक्री
सुलैजा फिरोजिया मोटवानी के मुताबिक, पिछले साल देश ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) में अच्छा इजाफा देखा है। इसका श्रेय सरकार की सक्रिय नीतिगत पहलों और विशेष रूप से ईवी तेजी को समर्थन को दिया जा सकता है। 2024 के बजट में ईवी क्षेत्र से सबसे महत्वपूर्ण अपेक्षा और मांग फेम III योजना के साथ ईवी के लिए मांग प्रोत्साहन योजनाओं का निरंतरता है। अगर फेम II मांग प्रोत्साहन योजना मार्च 2024 में अचानक बंद कर दी जाती है तो इससे मांग में कमी आएगी और एक देश के रूप में, हम ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन की ओर तेजी से गति खो देंगे। इससे मेक इन इंडिया में इलेक्ट्रिक वाहनों और उनके कंपोनेंटस के लिए नुकसान हो सकता है।
मजबूत निर्यात प्रोत्साहन नीति की मांग
सुलैजा ने बताया कि वह सरकार से ईवी के निर्यात के लिए एक मजबूत एक्सपोर्ट प्रोत्साहन नीति बनाने का अनुरोध करती हैं। इससे ग्लोबल मार्केट के लिए ईवी के स्थानीय निर्माण को प्रोत्साहित किया जा सके। बताया कि वह ऐसी नीतियों की उम्मीद कर रही हैं जो वैश्विक स्थिरता उद्देश्यों के साथ जुड़े। इसके अलावा, वह लिथियम-आयन बैटरी पर वर्तमान 18 प्रतिशत से 5 प्रतिशत जीएसटी दर में कमी की उम्मीद कर रही हैं। सरकार द्वारा यह कदम ईवी उद्योग पर पॉजीटिव प्रभाव लाएगा।