नई दिल्ली: ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने अगले फाइनेंशियल ईयर में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.5 परसेंट रहने का अनुमान जताया है लेकिन आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अगले वित्त वर्ष 2024-25 में सात प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। साथ ही महंगाई में नरमी जारी रहने की उम्मीद है। दास ने स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में कहा कि हाल के वर्षों में सरकार ने जो संरचनात्मक सुधार किए, उनसे भारतीय अर्थव्यवस्था की मध्यम, दीर्घकालिक वृद्धि संभावनाओं को बल मिला। चुनौतीपूर्ण वैश्विक व्यापक आर्थिक माहौल के बीच, भारत वृद्धि और स्थिरता की मिसाल पेश कर रहा है।
आरबीआई गवर्नर ने 'उच्च वृद्धि, कम जोखिम: भारत की कहानी' विषय पर आयोजित सीआईआई सत्र में कहा कि वैश्विक आर्थिक मोर्चे पर महंगाई में गिरावट हुई है, लेकिन वृद्धि दर कम बनी हुई है। दास ने कहा कि बिना किसी बाधा के आगे बढ़ने की संभावना है और बाजारों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय जोखिम और जलवायु जोखिम बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, 'मजबूत घरेलू मांग के साथ, भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है। हम हाल के वैश्विक झटकों से मजबूत होकर उभरे हैं।'
कब घटेगी महंगाई
दास ने आगे कहा कि मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार के साथ बाहरी संतुलन का प्रबंधन आसानी से किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ‘हेडलाइन महंगाई’ 2022 की गर्मियों के उच्च स्तर के मुकाबले काफी हद तक कम हो गई है। इससे पता चलता है कि हमारी मौद्रिक नीति कार्रवाई और नकदी का पुनर्संतुलन असर दिखा रहा है। आरबीआई गवर्नर ने कहा, 'मुख्य महंगाई भी धीरे-धीरे क्रमिक रूप से कम हुई है, जबकि सरकार के सक्रिय आपूर्ति-पक्ष के हस्तक्षेप ने भी खाद्य कीमतों के झटके से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।'